हमारे समाज में बहुत से रीति रिवाज हैं। जिनको धर्म से जोड़ दिया गया। हमारे समाज में बहुत से रीति रिवाज हैं। जिनको धर्म से जोड़ दिया गया।
जिस दोस्त के बारे डॉ सीमा ने कहा था वो दोस्त नहीं वो स्वयं थी। जिस दोस्त के बारे डॉ सीमा ने कहा था वो दोस्त नहीं वो स्वयं थी।
लेखक: विक्टर द्रागून्स्की अनुवाद: आ. चारुमति रामदास लेखक: विक्टर द्रागून्स्की अनुवाद: आ. चारुमति रामदास
पेड़ नहीं रहे इस धरती पर, तो कैसा होगा यह जीवन? पेड़ नहीं रहे इस धरती पर, तो कैसा होगा यह जीवन?
तब समझ पाओगे ब्रह्माण्ड का वो अबूझ रहस्यऔर प्रकृति की निरंतरता का समीकरणजो जीवन के मूल से उठकर......... तब समझ पाओगे ब्रह्माण्ड का वो अबूझ रहस्यऔर प्रकृति की निरंतरता का समीकरणजो जीवन ...
चेतन-अवचेतन-अचेतन के इस 'म्यूचूअल-इंटरैक्शन' से हमारे अनुभवों का संसार सजता है चेतन-अवचेतन-अचेतन के इस 'म्यूचूअल-इंटरैक्शन' से हमारे अनुभवों का संसार सजता है